Thursday, February 25, 2010

नयु-नयु ब्यो च मिठि-मिठि छुईं लगौंला

पत्नी अपने पति से कहती है कि अजी सुनिये! आप इतनी जल्दीबाजी मत करिये। हमारी नयी-नयी शादी है, हम धीरे-धीरे मीठी मीठी बातें करते हुए जायेंगे। पति कहता है कि अजी नहीं तुम तेज तेज चलो, हम लोग जल्दी-जल्दी जायेंगे और इन बातों को हम घर पर पहुंच कर आराम से करेंगे।

पत्नी बहाना बनाते हुए कहती है कि अब तुम ही बताओ मैं तेज तेज कैसे चल पाउंगी, मेरे इतने ऊंचे सैण्डल हैं, यह चढ़ाई वाला ऊंचा रास्ता है, और गर्मी के दिन है। चलो ऐसा करते हैं कि हम दोनों लोग किसी पेड़ की छाया में बैठ जाते हैं, और फिर मीठी मीठी बातें करते हैं आखिर हमारी नयी नयी शादी हुई है।
दोनों की नयी- नयी शादी हुई ..लड़की सैंडल पहन के पहाड़ी रश्तों पर चलने में असमर्थ है
भावार्थ - पति समझाते हुए कहता है कि अब तुम ज्यादा फैशन की बातें ना करो, जल्दी-जल्दी चलो, यदि सैण्डल से परेशानी हो रही है तो सैण्डल अपने बटुए में रख लो और नंगे पैर ही चलो, अगर हम लोग जल्दी घर नहीं पहुंचे तो यहीं भूखे मर जायेंगे, इसलिये जल्दी-जल्दी चलते हैं और इन बातों को घर पर पहुंच कर आराम से करेंगे।

पत्नी झूठा गुस्सा करते हुए कहती है कि तुम तो सिर्फ बात ही करने वाले लगते हो, तुम बहुत बड़े कन्जूस हो,मुझे पैदल वाले रास्ते से ले आये , इससे तो अच्छा होता कि हम आराम से गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ कर यात्रा करते, अब चलो आओ थोड़ा नीचे बैठो, और फिर मीठी मीठी बातें करते हैं आखिर हमारी नयी नयी शादी हुई है।

पति फिर समझाता है कि कल परसों से तुम्हें खेतों पर काम करने जाना होगा, तुम अपने इन कोमल हाथ पैरों से कैसे खा पाओगी (गुजर-बसर करोगी), जब इस भरी जवानी में ही तुम्हारे यह हाल है तो पता नहीं बुढापे में तुम्हारा क्या होगा? अब तुम तेज तेज चलो, हम लोग जल्दी-जल्दी जायेंगे और इन बातों को हम घर पर पहुंच कर आराम से करेंगे।

साभार - http://apnauttarakhand.com/